अभी ख़बर दिल्ली से आई
मक्खी रानी उसको लाई।
टिड्डे ने हाथी को मारा,
हाथी क्या करता बेचारा
मटके में थे ढाई बन्दर।
उन्हें देखकर हाथी रोया
रोते रोते ही वह सोया
रुकी न पर आंसू की धारा,
मटका बना समंदर खारा।
लगे डूबने हाथी बन्दर,
फँस गए थे उसके अंदर।
उनको सुनकर आया मछर,
लात जमाई उसने कसकर।
मटका फुटा बहा समंदर,
निकल पड़े सब हाथी बन्दर।
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